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1984 सिख विरोधी दंगे मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार दोषी करार, 18 को सुनाई जा सकती है सजा

नई दिल्ली। 1984 सिख दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोषी करार दिया है। दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में सिख पिता-पुत्र की हत्या से जुड़े दंगों के मामले में अदालत ने यह फैसला सुनाया। सज्जन कुमार को सजा पर बहस के लिए 18 फरवरी को केस को सूचीबद्ध किया गया है। सज्जन कुमार फिलहाल सिख विरोधी से जुड़े दिल्ली कैंट के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इससे पहले 7 फरवरी को अदालत ने सजा पर फैसला टाल दिया था।

इससे पहले कोर्ट में सज्जन कुमार ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को झूठा बताया था। सज्जन कुमार के वकील अधिवक्ता अनिल शर्मा ने कोर्ट में दलील दी थी कि उनके मुवक्किल का नाम इस मामले में शुरू से नहीं था बल्कि गवाह ने 16 साल बाद सज्जन कुमार का नाम लिया। बचाव पक्ष के वकील के जवाब में सरकारी वकील ने दलील की पीड़ित पक्ष सज्जन कुमार को नहीं जानता था। बाद में जब उनको सज्जन कुमार के बारे में जानकारी हुई तब उन्होंने इस केस में सज्जन कुमार का नाम लिया।

एसआईटी का आरोप है कि दिल्ली के सरस्वती विहार में राज नगर इलाके में सरदार जसवंत सिंह और बेटे सरदार तरुण दीप सिंह के घर पर दंगाइयों की एक भीड़ ने हमला कर दिया था। दोनों को पीटा गया जिसमें उनकी जान चली गई। इस हिंसक भीड़ का नेतृत्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार कर रहे थे। उन्होंने ही भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया था जिसके बाद उग्र लोगों ने सिख पिता और पुत्र को जान से मार दिया। सिख दंगों की जांच के लिए गठित रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। इससे पहले 31 जनवरी को अदालत इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था।

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