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इजरायल-हमास जंग के बीच हूतियों ने बढ़ा दी टेंशन, युद्धविराम के लिए 5वीं बार सऊदी पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री…

गाजा में इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिकी विदेश मंत्री चार बार सऊदी अरब जा चुके हैं।

वहीं अब वह सऊदी क्राउन प्रिंस से मिलने पांचवीं बार पहुंच गए हैं। क्षेत्रीय तनाव को कम करने के लिए उन्होंने सऊदी प्रिंस से बातचीत की।

हालांकि हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध की आग में हूती विद्रोहियों ने घी काम काम कर दिया है। ईरान समर्थित हूती विद्रोही अमेरिका से बदला लेना चाहते हैं।

ऐसे में अमेरिका की तरफ से प्रस्तावित किसी बात को मानने से हमास भी इनकार कर रहा है। हमास और हूती दोनों को ही ईरान से जबरदस्त समर्थन मिलता है। 

इजरायल ने अमेरिका को भी दिखा दिया ठेंगा
माना जाता है कि इजरायल के पीछे अमेरिका खड़ा रहता है। हालांकि बाद जब युद्धविराम की आई तो इजरायल ने अमेरिका को भी ठेंगा दिखा दिया।

वहीं ईरान समर्थित उग्रवादी संगठन अमेरिका पर बौखलाए नजर आ रहे हैं। सऊदी पहुंचने के बाद एंटनी ब्लिंकन ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की।

इसके अलावा उन्होंने सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसले बिन फरहान अल सऊद से भी चर्चा की। सऊदी के अधिकारियों का कहना है कि वे अब भी स्थिति को सामान्य करना चाहते हैं लेकिन फिलिस्तीनी राष्ट्र बनाने के लिए एक प्रभावी प्लान सामने रखा जाना चाहिए। 

युद्धविराम एक बड़ी चुनौती
गाजा में अब भी इजरायल तबाही मचा रहा है। बीते 24 घंटे में ही 113 लोगों की मौत की खबर है। अब तक गाजा में 27,438 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

वहीं इजरायली सेना का कहना है कि हमास अपनी क्षमता का विस्तार फिर से कर रहा था। ऐसे में उसके ठिकानों पर ही स्ट्राइक की गई है।

इजरायल का कहना है कि उसके 100 लोग अब भी हमास के कब्जे में है। हमास इन बंधकों को रिहा करने को तैयार नहीं है।

हमास का कहना है कि जब तक इजरायल अपनी गतिविधि पर विराम नहीं लगाता  वे बंधकों के बारे में कोई बात नहीं करेंगे।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास पर पूरी तरह से विजह ही ईरान, हिजबुल्लाह और हूतियों को सबक सिखाने का एकमात्र रास्ता है।

यूएस, कतर और एजिप्ट युद्धविराम को लेकर पहले भी पहल कर चुके हैं। कुछ चरणों में दोनों ही तरफ से बंधकों की रिहाई भी हुई थी।

अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि ब्लिंकन ने यह भी कहा कि इराक, सीरिया और यमन में अमेरिका ने ईरान समर्थित विद्रोहियों पर कार्रवाई की है उसकी वजह से पश्चिम एशिया में तनाव नहीं बढ़ना चाहिए. बता दें कि जॉर्डन में अमेरिकी सैनिकों पर हमले के बाद अमेरिका ने उसका जवाब दिया था।

इसके बाद ईरान और अमेरिका में तनाव और ज्यादा बढ़ गया है। अब ईरान भी हमास, हूतियों और हिजबुल्लाह को मदद बढ़ा रहा है। ऐसे में युद्ध थमने का आसार नजर नहीं आ रहे हैं। 

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