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टीबी, सिकलसेल की दवा छोड़ देते थे ग्रामीण, पीयर सपोर्ट ग्रुप बनाकर काउंसिलिंग की

बिलासपुर/ बीपी-शुगर, टीबी, सिकलसेल, मनोरोग जैसी कई बीमारियों की दवा लंबे समय तक या जीवन पर्यंत चलती है। इससे ऊबकर ग्रामीण इलाकों के मरीज दवा लेना छोड़ देते हैं। ऐसे में उनका मर्ज और जोखिम भी बढ़ जाता है। मरीजों को इसी नुकसान से बचाने के लिए गनियारी के जन स्वास्थ्य सहयोग केंद्र ने 2014 में एक अभिनव प्रयोग शुरू किया। कोटा ब्लॉक और लोरमी के 72 दूरस्थ गांवों के मरीजों के लिए ‘पीयर सपोर्ट ग्रुप’ बनाया। इस समय 84 ग्रुप संचालित हैं। अलग-अलग गांवों के तकरीबन 1800 मरीज (नान कम्युनिकेबल डिसीज) इसके सदस्य हैं। हर महीने इनकी मीटिंग होती है

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