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भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का खेला आखिरी मुकाबला 

भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने गुरुवार को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी मुकाबला खेला। फीफा क्वालिफायर के लिए खेले गए इस मुकाबले में वह अपनी टीम को कुवैत के खिलाफ जीत नहीं दिला सके। यह मुकाबला 0-0 से ड्रॉ पर खत्म हुआ। साल्ट लेक स्टेडियम में खेले गए इस मैच के बाद फैंस ने छेत्री को खड़े होकर सम्मानित किया और उन्होंने लैप ऑफ ऑनर लिया। छेत्री ने अपने संन्यास की घोषणा पिछले महीने ही कर दी थी।  उन्होंने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी कर दी थी। 

तेंदुलकर ने दी बधाई

छेत्री के आखिरी मुकाबले के बाद सचिन तेंदुलकर ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, "कोई भी लक्ष्य (गोल) हासिल करना आसान नहीं है, 94 अंतरराष्ट्रीय की तो बात ही छोड़ दीजिए, सुनील छेत्री आपने भारत का झंडा ऊंचा रखा। शानदार करियर के लिए बधाई।"

समर्थकों को दिया धन्यवाद

छेत्री ने संन्यास के बाद अपने फैंस को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "जिन्होंने मुझे वीडियो में देखा है, जिन्होंने मेरे ऑटोग्राफ लिए हैं और मेरे पुराने समर्थकों, मैं सभी का दिल से धन्यवाद देता हूं। ये 19 साल आप सभी के बिना संभव नहीं थे।" सुनील ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी। वह सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल (94) करने वाले चौथे खिलाड़ी है। वहीं, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, अली डेई और लियोनेल मेसी के बाद सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं। उन्हें साल 2011 में अर्जुन पुरस्कार और 2019 में  पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

छेत्री ने अपने शानदार करियर में छह बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीता। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर छेत्री 2008 में एएफसी चैलेंज कप, 2011 और 2015 में एसएएफएफ चैंपियनशिप, 2007, 2009 और 2012 में नेहरू कप के साथ-साथ 2017 में इंटरकांटिनेंटल कप में खिताब जीतने वाली भारतीय टीमों का हिस्सा रहे हैं। 

सुनील ने शौकिया तौर पर फुटबॉल खेलने की शुरुआत साल 2002 में की थी। 17 की उम्र में वह मोहन बागान क्लब से जुड़े। उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल 20 की उम्र में भेजा। एफसी चैलेंज कप फाइनल 2008 में ताजिकिस्तान के खिलाफ सुनील ने तीन गोल किए थे। उनके इन्हीं गोल के दम पर भारतीय टीम ने 27 सालों बाद एएफसी एशियन कप के लिए क्वालिफाई किया था। 2010-11 में सुनील को कंसास सिटी विजार्ड फुटबॉल लीग ने अपनी टीम के लिए साइन किया था। भारत की आजादी के बाद विदेश में प्रोफेशनल लीग ज्वाइन करने वाले वह दूसरे खिलाड़ी बने।

2013 में पुर्तगाली क्लब से हटने के बाद छेत्री बेंगलुरु फुटबॉल क्लब से जुड़े। इस दौरान उन्होंने 23 मुकाबलों में 14 गोल और सात एसिस्ट किए।  2015 में सुनील ने 50 अंतरराष्ट्रीय गोल पूरे किए थे। वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने थे।

2017 में किर्गिस्तान के खिलाफ सुनील ने 69वें मिनट में गोल दागकर इतिहास रचा था। उनके इस गोल की बदौलत 2019 एशिया कप के लिए भारत ने क्वालिफाई किया था। इस गोल के साथ वह फीफा की शीर्ष 100 रैंकिंग में शुमार हो गए थे।

साल 2018 में इंटरकॉन्टिनेंटल कप के दौरान सुनील, डेविड विला के साथ दुनिया के तीसरे सबसे एक्टिव अंतरराष्ट्रीय गोल स्कोरर बने थे। हाल ही में चार जून को सुनील ने अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। केनिया के खिलाफ इस मुकाबले में उन्होंने दो गोल दागे। वह 100 वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले दूसरे भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी हैं।

छेत्री फाइनल में हैट्रिक लगाने वाले एकमात्र भारतीय हैं। उन्होंने ताजकिस्तान के खिलाफ एएफसी चैलेंज कप के फाइनल में हैट्रिक लगाई थी। उन्हें छह बार फुटबाल महासंघ की ओर वर्ष का फुटबालर चुना गया। मेजर सॉकर लीग (एमएलएस) में 2010 में कैंसास सिटी विजाड्र्स ने छेत्री को अनुबंधित किया था। वह पुर्तगाली क्लब स्पोर्टिंग सीबी बी के लिए भी खेले।

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