नई दिल्ली । दिल्ली में सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज 105 मामलों में से 103 का निपटारा बीते साल कर दिए जाने का दावा सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में किया गया। पर ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, आज की तारीख में राष्ट्रीय राजधानी में विधायकों और सांसदों के खिलाफ लगभग 121 मामले लंबित हैं, जिनकी सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट में गठित छह विशेष अदालतों के सामने चल रही है। इससे जाहिर होता है कि जितनी तेजी से मामले निपटाए गए, उतनी तेजी से नए केस दाखिल भी हुए। जिला स्तर पर बनी छह विशेष अदालतों में तीन सेशन और तीन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) कोर्ट हैं। इसी तरह सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों या अपीलों की सुनवाई के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में निर्धारित सिंगल बेंच के सामने अप्रैल तक 34 मामले या अपीलें लंबित बताई गईं। ऐसे मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए ही हाई कोर्ट ने अपने सभी जजों को निर्देश दिया कि वे सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को प्राथमिकता दें ताकि उनका जल्दी और प्रभावी निपटारा हो सके। जहां तक निचली अदालतों की बात है, तो राउज एवेन्यू कोर्ट की मौजूदा प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज अंजू बजाज चांदना नियमित रूप से लंबित मामलों और कार्यवाही की गति का ब्यौरा हाई कोर्ट को दे रही हैं। मार्च की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 फरवरी तक इन छह अदालतों में 112 मामले पेंडिंग थे और आज की तारीख में 121 केस लंबित हैं। इनमें से 16 केस ही अब तक निपटाए जा सके और 2 केस ट्रांसफर हो गए। जहां तक मामलों के बोझ की बात करें तो तीनों सेशन कोर्ट में से हरेक के पास सामान्य तौर पर 24 से 25 केस हैं। इसी तरह से दोनों मजिस्ट्रेट अदालतों में से हरेक के पास 16 से 18 केस लंबित हैं। यानी काम का बंटवारा लगभग बराबर-बराबर है।
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