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संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश, विपक्ष कर रहा विरोध, जेडीयू ने किया समर्थन

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक पर आज अंतिल फैसला होने वाला है। केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड पर लगाम लगाने के लिए संसद में विधेयक पेश कर चुकी है, जिसके पास होते ही वक्फ बोर्ड को दी गईं असीमित शक्तियां खत्म हो जाएंगी। इस बिल में सरकार बोहरा-आगाखानी के लिए अलग वक्फ बोर्ड का प्रावधान करेगी और किसी की संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने के अधिकार से जुड़ी धारा 40 को खत्म कर दिया जाएगा।

विपक्षी सांसद लगातार कह रही है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी है। अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस और AIMIM ने भी विधेयक का विरोध करते हुए अलग अलग बयान दिए हैं। कांग्रेस ने इसे संविधान पर हमला बताया है तो वहीं असददुदीन ओवैसी ने इसे अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया है।

विपक्ष की ओर से तो इस बिल का विरोध किया गया लेकिन सदन में भाजपा की प्रमुख सहयोगी दल जेडीयू इसके समर्थन में नजर आई है। लोकसभा में जेडीयू के सांसद ललन सिंह ने कहा है कि यह मुसलमानों के खिलाफ कहां है?

लोकसभा में जेडीयू के सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर बोलते हुए कहा कि यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे है? यह कानून पारदर्शिता लाने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इसकी तुलना मंदिरों से कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था निरंकुश होगी तो उसमें पारदर्शिता लाने के लिए सरकार को कानून बनाने का हक है।

सांसद ललन सिंह ने सदन में कांग्रेस पार्टी को भी निशाने पर लिया। ललन सिंह ने कहा कि विपक्ष के लोग मुख्य मुद्दे से भटक रहे हैं। केसी वेणुगोपाल यानी कांग्रेस को बताना चाहिए कि हजारों सिख कैसे मारे गए। उन्होंने कहा कि किस टैक्सी ड्राइवर ने इंदिरा गांधी की हत्या की? अब वे अल्पसंख्यकों के बारे में बात कर रहे हैं।

वक्फ अधिनियम 1954 में पारित किया गया था जिसमें पहला संशोधन 1995 में किया गया और फिर दूसरा संशोधन 2013 में हुआ। इस अधिनियम के तहत अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर अपना दावा करता है तो वो उसकी हो जाएगी। वक्फ बोर्ड को इसे साबित करने के लिए कोई सबूत देने की जरूरत नही है। संपत्ति का मालिक उसे वापस पाने के लिया न्याय मांगने अदालत भी नहीं जा सकता। यहां तक कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार या अदालतें भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं। वक्फ संपत्ति का इस्तेमाल सिर्फ मुसलमान ही कर सकते हैं।

वक्फ बोर्ड की देशभर में 8.7 लाख से ज्यादा की संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हुई हैं। वक्फ एक्ट में 40 संशोधनों पर किए गए हैं। विधेयक में प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक, वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्तियों का औपचारिक प्रमाण देना होगा। इसके साथ ही विधेयक में वक्फ बोर्ड को विवादित संपत्तियों का भी प्रमाण देना होगा।

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