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महाराष्ट्र के परभणी में संविधान के अपमान को लेकर भड़की हिंसा, पथराव और आगजनी, पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के परभणी जिले में बुधवार को हिंसा भड़क गई। अंबेडकर प्रतिमा के सामने लगी प्रतीकात्मक संविधान की पुस्तक फाड़ने की घटना के बाद शहर में तनावपूर्ण माहौल बन गया। घटना के विरोध में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए, जिनके प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए टायर जलाकर परभणी-नांदेड़ हाईवे को ब्लॉक कर दिया। इसके अलावा, कई स्थानों पर पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।

हिंसा के बाद शहर के संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दंगा नियंत्रण पुलिस और एसआरपीएफ की तैनाती भी की गई है। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि संविधान का अपमान करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने दोषियों को फांसी की मांग की है। हिंसक भीड़ ने बसमत रोड और खानापुर फाटा पर आगजनी कर वाहनों को नुकसान पहुंचाया। स्टेशन रोड, गांधी पार्क, और शिवाजी चौक जैसे प्रमुख इलाकों में भी पथराव और आगजनी की घटनाएं दर्ज की गई हैं। दुकानें और उनके बाहर लगे साइनबोर्ड, साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए गए।

हिंसा की शुरुआत मंगलवार को हुई जब सोपान दत्ताराव पवार (45) नाम के व्यक्ति ने बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के सामने रखी संविधान की प्रतिकृति को कथित तौर पर फाड़ दिया। इस घटना की खबर फैलते ही पूरे शहर में आक्रोश फैल गया और बंद का आह्वान किया गया।

वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने घटना को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा, परभणी में जातिवादी मराठा उपद्रवियों द्वारा संविधान का अपमान किया जाना निंदनीय है। यह पहली बार नहीं है जब बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा या दलित प्रतीकों के साथ बर्बरता हुई है।

पुलिस ने मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का भरोसा दिलाया है। हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया है, लेकिन शहर में तनाव अभी भी बना हुआ है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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